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Shimla: H.E. Aacharya Dev Vart, Governor of HP Inaugurates Scientists & Engineers Conference

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महमहिम आचार्य देवव्रतहिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने किया खुशनुमा जिंदगी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन

पर्वतीय  राजघानी शिमला स्थित ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र के सभागार में विज्ञान एवम तकनीकी प्रभाग के और से आयोजित खुशनुमा जिंदगी पर नेशनल सेमिनार का उद्घाटन महामहिम आचार्य देवव्रत, राज्यपाल हिमाचल प्रदेश एवम बहिन दर्शना देवी, लेडी गर्वनर ने आपने कर कमलो से दीप प्रज्जवलन करके किया।  उन्होंने अपने  उद्घाटन भाषण में कहा खुशनुमा जिंदगी के लिए अपने जीवन को ईश्वर के प्रति समर्पित करे, अच्छों से दोस्ती करे एवम दीन असहाय पर दया करें। सदा सुखी रहने के लिए छः चीजों से दुर रहे वे है ईर्ष्या, घृणा, क्रोध, शक्की स्वभाव, एवं परआश्रित जीवन।  

भ्राता मोहन सिंघल, उपाघ्यक्ष, विज्ञान एवं तकनीकी प्रभाग, माउंट आबू ने राज्यपाल महोदय एवं सभी का ह्रदय से अभिनन्दन किया तथा खुशनुमा जिंदगी के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का वैज्ञानिक स्पष्टीकरण किया उन्होने यह भी बताया कि पुरे राष्ट्र भर से लगभग 150 इंजीनियरों एवं वैज्ञानिकों ने भाग लिया। भ्राता भरता भूषण, नेशनल कोऑर्डिनेटर , विज्ञान एवं तकनीकी प्रभाग, ने  खुशनुमा जिंदगी जीने के 4 सूत्र बताए, सकारात्मक सोच, हरेक के प्रशंसा करे, निस्वार्थ सेवा कर दुआए कमाए एवं राजयोग का अभ्यास करे.

बी. के. लक्ष्मी, कपूरथला ने राजयोग का अभ्यास कराया। बी. के. ज्योति, हमीरपुर ने राज्यपाल महोदय को शाल ओढ़ा कर अभिनन्दन किया. बी. के. अरुणा, सर्कल इंचार्ज, शिमला ने ईश्वरीय उपहार भेंट कर गर्वनर एवं लेडी गर्वनर का अभिवादन किया। बी. के. ज्योति, पानीपत ने सफल मंच संचालन किया। इस राष्टीय संगोष्ठी में लगभग 500 लोगों ने भाग लिया.

H.E. Acharya  Dev Vart, Hon’ble Governor of Himachal Pradesh inspired everyone in his inaugural speech after lighting a candle to lead ever happy life by surrendering yourself to Supreme Power God, by having the company of Great persons, by helping poor people. To remain happy life avoid six – 1. Jealousy 2. Hatredness. 3 Dissatisfaction  4. Anger 5.Doubtful nature and 6. Dependencies

Bro. Mohan Shingle, Vice-chairperson of SEW welcomed H.E. and every one by explaining scientific explanation of spiritual knowledge. He. also explained that about 150 engineers and scientists participated from all over India in this seminar.

Bro. Bharat Bhushan. National Coordinator SEW explained the 4 tips of Khushnuma Jindgi in his  Keynote address which are Positive Attitude, Appreciate everyone, earn the blessings  & Practise Meditation.

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हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी से मुलाकात Meeting with Governor of Shimla

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हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी  से शिमला पंथाघाटी सेवाकेंद्र की बी के सुनीता और पानीपत के भ्राता भारत भूषण और अन्य बहनों ने मुलाकात की, ईश्वरीय सौगात दी। और साइंटिस्ट एवं इंजीनियरिंग विंग के प्रोग्राम में माउंट आबू आने का निमंत्रण दिया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना जी को ईश्वरीय संदेश दिया और ज्ञान की रूह रिहान की और ईश्वरीय  सौगात दी।
 हिमाचल प्रदेश के हाई कोर्ट शिमला में लगभग 300 वकीलों को भ्राता भारत भूषण ने जॉय एट वर्क प्लेस, वर्क विदआउट वरी और हाउ टू लीड टेंसन फ्री लाइफ विषयों पर बताया तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अध्यक्ष पीयूष वर्मा  को ईश्वरीय सौगात दी  ।
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1) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल जी से शिमला पंथाघाटी सेवाकेंद्र से बी के सुनीता और पानीपत के भ्राता भारत भूषण और अन्य बहनें सौगात देते हुए,
2) हिमाचल प्रदेश मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना जी को ईश्वर यशोदा देते हुए बीके भारत भूषण सुनीता बहन तथा अन्य बहनें
 3) 300 वकीलों को ईश्वरीय संदेश देते हुए बी के भारत भूषण भाई
4) पीयूष वर्मा वरिष्ठ अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन को ईश्वरीय सौगात देते बीके भारत भूषण भाई, सुनीता बहन तथा अन्य
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Tying Rakhi to Hon. Governor & Chief Minister of HP

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रक्षा बंधन के पावन पर्व पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल माननीय शिव प्रताप शुक्ल तथा  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखु को शिमला पंथाघाटी सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी रजनी, ब्रह्मा कुमारी सुनीता बी के ओम प्रकाश ,बी के रितु ने राखी बांधी तथा ईश्वरीय सन्देश दिया  |
1)  राज्यपाल माननीय शिव प्रताप शुक्ल
2 ) मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखु
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Admin Wing BK Teachers’ Training at Shimla.

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प्रशासक विंग की मीटिंग, ट्रेनिंग एवं सेमिनार
 
पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर हिल स्टेशन शिमला (हिमाचल प्रदेश)में राजयोगा एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाऊण्डेशन के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा दिनांक 5 से 7 मई 2024 तक तीन दिवसीय मीटिंग, ट्रेनिंग एवं सेमिनार का आयोजन किया गया।इसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और थाईलैंड के सदस्यों ने भाग लिया।
 
पहले दिन बेहतर प्रशासन के लिए आध्यात्मिकता विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ  हिमाचल राज्य के मुख्य सचिव भ्राता प्रमोद सक्सेना जी ने किया। सेमीनार में अनेक सचिव, उप सचिव, विभागाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में शासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।अगले दो दिन अर्थात छः और सात मई को विंग के मेम्बर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम पंथाघाटी स्थित सद् भावना भवन केंद्र पर रखा गया।
 
पहले दिन निम्नलिखित छः सेशन हुए –
 1. प्रैक्टिकल प्रजेण्टेशन।(प्रो. ई.वी. गिरीश, मोटिवेशनल स्पीकर मुम्बई)
2. रिसपान्सिबिलीटी। (बीके ख्याति, फैकल्टी ओआरसी)
3. पावर आफ एक्टिव लिसनिंग। (बीके हुसैन, फैकल्टी ओआरसी)
4. स्पीरिचुअल टूल्स इन एडमिनिस्ट्रेशन। (बीके विधात्री, फैकल्टी ओआरसी)
5. इजी मेडिटेशन। (बीके इ.वी. गिरीश, मुम्बई)
6. कम्युनिकेशन स्कील। (बीके भारत भूषण, निदेशक पानीपत रिट्रीट सेंटर) 
 
प्रैक्टिकल प्रेजेंटेशन विषय के अन्तर्गत बीके ई.वी. गिरीश ( मोटिवेशनल स्पीकर मुम्बई) ने वक्तव्य देने और प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए बहुत ही उपयोगी सुझाव दिए।उन्होने बतलाया कि वक्तव्य देने से पहले श्रोता समूह का विश्लेषण कर लेना चाहिए कि किस तरह के श्रोता हैं, उनकी अभिरूचि किन बातों में है? वह क्या चाहते हैं? आदि।हमारे वक्तव्य की शुरूआत लुभावनी होनी चाहिए। कोई कहानी, घटना या इन्टर एक्टिव सेशन से प्रारम्भ करें तो अच्छा होता है। बोलते वक्त आई कान्टेक्ट जरूरी है। कान्फिडेंस से बोलें।
अन्त में निष्कर्ष के रूप में समापन आध्यात्मिकता से जोड़कर राजयोग मेडिटेशन सीखने के लिए प्रेरित करें
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Brahma Kumaris shimla